नई दिल्ली: भारत ने अपनी स्वदेशी K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है। यह एक लंबी दूरी की परमाणु मिसाइल है। इसे INS अरिघात नाम की पनडुब्बी से बंगाल की खाड़ी में छोड़ा गया। इस परीक्षण से भारत दक्षिण-पूर्व एशिया में एक मजबूत रण
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नई दिल्ली: भारत ने अपनी स्वदेशी K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है। यह एक लंबी दूरी की परमाणु मिसाइल है। इसे INS अरिघात नाम की पनडुब्बी से बंगाल की खाड़ी में छोड़ा गया। इस परीक्षण से भारत दक्षिण-पूर्व एशिया में एक मजबूत रणनीतिक शक्ति बन गया है। यह परीक्षण बुधवार को रणनीतिक बल कमान (SFC) द्वारा किया गया। इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास पनडुब्बी से परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है।
पानी में बनेगी दुश्मन की कब्र
यह K-4 मिसाइल 3,500 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक मार कर सकती है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। यह मिसाइल पानी के अंदर से दुश्मन के इलाके में सटीक निशाना लगा सकती है। INS अरिघात पनडुब्बी 6,000 टन की है और इसे अगस्त में सेना में शामिल किया गया था। इस पनडुब्बी से मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत की तकनीकी क्षमता का पता चलता है।
हर जवाब के लिए तैयार भारत
इस परीक्षण से भारत की परमाणु शक्ति और भी मजबूत हो गई है। यह भारत की 'नो फर्स्ट यूज' नीति के अनुरूप है। मतलब, भारत पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करेगा, लेकिन अगर कोई हमला करता है तो जवाब देने के लिए तैयार है। इससे भारत की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति मजबूत होती है।
K-4 है अचूक
K-4 मिसाइल सॉलिड-फ्यूल वाली है और बूस्ट-ग्लाइड तकनीक से उड़ान भरती है। इस वजह से इसे दुश्मन के रडार से पकड़ना मुश्किल होता है। यह किसी भी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम को चकमा दे सकती है। इसमें सैटेलाइट की मदद से नेविगेशन सिस्टम को अपडेट करने की सुविधा भी है। इससे इसकी सटीकता और भी बढ़ जाती है। यह मिसाइल 10 मीटर लंबी और 1.5 मीटर चौड़ी है। इसका वजन लगभग 20 टन है और यह 2.5 टन तक का वारहेड ले जा सकती है। दुनिया में इस तरह की मिसाइल बहुत कम देशों के पास है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पनडुब्बी से परमाणु हथियार दागने की क्षमता जमीन या हवा से दागे जाने वाले हथियारों से ज्यादा सुरक्षित होती है। क्योंकि पनडुब्बी पानी के अंदर छिपी रहती है और दुश्मन को इसका पता लगाना आसान नहीं होता। इसलिए दुश्मन के लिए पनडुब्बी पर हमला करना मुश्किल होता है।
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